Rupee vs Dollar डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए में मजबूती जारी है। मार्च में अब तक, रुपया अमेरिकी मुद्रा की तुलना में 2% से अधिक बढ़ चुका है, जो नवंबर 2018 के बाद का सबसे अच्छा मासिक प्रदर्शन है। रुपए में इस तेजी का मुख्य कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPI) द्वारा भारतीय शेयर बाजार में बढ़ती खरीदारी और डॉलर इंडेक्स में आई कमजोरी को माना जा रहा है।

Rupee vs Dollar: महज 6 सेशंस में आया 6 अरब डॉलर का FPI इंफ्लो!
फरवरी में वैश्विक अस्थिरता और डॉलर इंडेक्स की मजबूती के चलते रुपया डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड लो 87.95 तक गिर गया था। हालांकि, तब से रुपया मजबूत रिकवरी करता दिखा है और फिलहाल 85.58 के स्तर पर पहुंच चुका है। रुपए में इस तेजी का मुख्य कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPI) द्वारा भारतीय शेयर बाजार में बढ़ती खरीदारी है। गुरुवार के कारोबारी सत्र में FPI ने भारतीय इक्विटी बाजार में लगभग 1.2 अरब डॉलर का निवेश किया, जबकि पिछले 6 कारोबारी सत्रों में FPI ने 6 अरब डॉलर से अधिक की इक्विटी खरीदारी की है।
Rupee vs Dollar: बॉन्ड बाजार में रिकॉर्ड विदेशी निवेश की बाढ़!
इसके अलावा, अप्रैल में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कटौती की संभावना के चलते विदेशी निवेशक देश के बॉन्ड मार्केट में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं। अब तक मार्च में भारतीय बॉन्ड्स में 3 अरब डॉलर से अधिक का निवेश प्रवाह हो चुका है। रुपए में तेजी की एक और वजह डॉलर इंडेक्स में आई कमजोरी है, जो अब गिरकर 104 पर आ गया है, जबकि फरवरी में यह 108 के करीब था।

Rupee vs Dollar: फेड रेट कट की उम्मीद से डॉलर इंडेक्स कमजोर!
डॉलर इंडेक्स में कमजोरी की मुख्य वजह अमेरिकी फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के संकेत देना है। हाल ही में हुई फेड बैठक में जारी बयान के अनुसार, इस साल दो बार ब्याज दरों में कटौती हो सकती है। आमतौर पर, जब अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती होती है, तो डॉलर अन्य वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले कमजोर हो जाता है।
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