Bangladesh में मार्च 2026 तक होने वाले संसदीय चुनावों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों, नागरिकों और वैश्विक समुदाय की नजर बनी हुई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने में कितनी सफल रहती है। Bangladesh में अगले आम चुनाव को लेकर बड़ी घोषणा सामने आई है। कार्यवाहक सरकार के प्रवक्ता और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के सहयोगी ने कहा है कि देश में संसदीय चुनाव मार्च 2026 तक कराए जाएंगे। यह फैसला देश में राजनीतिक स्थिरता और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए लिया गया है।
चुनाव की संभावित समय-सीमा:
प्रवक्ता के अनुसार, अगर सभी जरूरी राजनीतिक और प्रशासनिक तैयारियां समय पर पूरी हो जाती हैं, तो चुनाव 2025 के अंत तक भी कराए जा सकते हैं। हालांकि, यदि कुछ आवश्यक सुधार और प्रक्रियाएं लंबी चलती हैं, तो यह चुनाव 2026 की पहली तिमाही में संपन्न होगा।
राजनीतिक परिदृश्य और पृष्ठभूमि:
Bangladesh की राजनीति पिछले कुछ वर्षों से अस्थिर रही है। अगस्त 2024 में छात्रों के नेतृत्व में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को सत्ता छोड़नी पड़ी। इसके बाद कार्यवाहक सरकार का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व Bangladesh के मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं।
लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूती देने की कोशिश:
यूनुस के सहयोगी ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना है। मतदाता सूची को अपडेट करना, नए योग्य मतदाताओं को जोड़ना और चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने के लिए आवश्यक सुधार लागू करना सरकार की प्राथमिकता है।
चुनाव को लेकर जनता की प्रतिक्रिया:
देश की जनता इस चुनाव को लेकर काफी उम्मीदें रखती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनाव Bangladesh के भविष्य को नया स्वरूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। नागरिकों का मानना है कि चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए ताकि देश में एक स्थायी लोकतांत्रिक सरकार का गठन हो सके।
छात्रों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन और हसीना की सत्ता से बेदखली:

अगस्त 2024 से, बांग्लादेश बड़े राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है, जिसका कारण व्यापक स्तर पर हुए छात्र-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन हैं।
प्रधानमंत्री शेख हसीना को बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों के बाद सत्ता से हटा दिया गया। यह अशांति जुलाई 2024 में तब शुरू हुई जब सरकार ने एक विवादास्पद कोटा प्रणाली को फिर से लागू किया, जो सिविल सेवा नौकरियों में सत्तारूढ़ अवामी लीग को प्राथमिकता देती थी और कई स्नातकों के लिए अवसर सीमित कर देती थी।
विरोध कर रहे छात्र राजनीतिक पार्टी करेंगे लॉन्च:

इस बीच, बांग्लादेशी छात्र, जिन्होंने विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व किया था, इस सप्ताह एक राजनीतिक पार्टी लॉन्च करने की तैयारी में हैं। इस घटनाक्रम की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने यह जानकारी दी।
स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) समूह ने इन प्रदर्शनों की अगुवाई की थी। यह आंदोलन शुरुआत में सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्र-नेतृत्व वाले विरोध के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन जल्द ही यह एक व्यापक राष्ट्रव्यापी विद्रोह में बदल गया, जिसके चलते अगस्त की शुरुआत में अशांति चरम पर पहुंचने पर हसीना को भारत भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।
Dhaka Tribuneरिपोर्ट के अनुसार:
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, Bangladesh में अगला राष्ट्रीय आम चुनाव इस साल दिसंबर तक या अगले साल मार्च तक होने की संभावना है। यह जानकारी अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव, शफीकुल आलम, ने दी।
शफीकुल आलम ने यह बयान सोमवार को ढाका स्थित फॉरेन सर्विस अकादमी में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए दिया।
शफीकुल ने जोर देकर कहा कि इस मुद्दे पर कई बार चर्चा हो चुकी है और मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस सहित कई सलाहकार इसे लेकर अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं।
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