महाकुंभ 2025 आज समाप्त हुआ: हिट्स, मिसेस और वायरल बाबा

महाकुंभ 2025 का भव्य समापन आज हो गया। यह दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस महायोजना में कई ऐतिहासिक क्षण देखने को मिले, वहीं कुछ चुनौतियाँ भी सामने आईं। आइए जानते हैं इस महाकुंभ 2025 की प्रमुख हाइलाइट्स, इसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलू, और उन संतों की कहानियाँ जो सोशल मीडिया पर छा गए।

महाकुंभ 2025

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महाकुंभ 2025 की बड़ी हिट्स :

इस बार महाकुंभ 2025 में 63 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जो पिछले सभी आयोजनों से अधिक था। प्रमुख स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा, जिसमें मौनी अमावस्या, मकर संक्रांति और महाशिवरात्रि के स्नान विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहे।

बेहतर व्यवस्थाएँ और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर:

सरकार और प्रशासन ने इस बार आधुनिक तकनीक का उपयोग किया। ड्रोन सर्विलांस, लाइव स्ट्रीमिंग, और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जैसी सुविधाओं ने इस आयोजन को अधिक सुगम बनाया।

संतों और अखाड़ों की ऐतिहासिक पेशवाई:

महाकुंभ में विभिन्न अखाड़ों के नागा साधुओं और महामंडलेश्वरों की भव्य पेशवाई श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रही। यह परंपरा आध्यात्मिक शक्ति और आस्था का प्रतीक है।

पर्यावरण अनुकूल कुंभ:

इस बार स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया गया। प्लास्टिक मुक्त कुंभ, जैविक अपशिष्ट प्रबंधन और गंगा स्वच्छता अभियान को सफलतापूर्वक लागू किया गया।

महाकुंभ 2025 की चुनौतियाँ:

महाकुंभ 2025

भीड़ प्रबंधन में कमियाँ और भगदड़ की घटनाएँ:

महाकुंभ मेले से जुड़ी कई विवादित घटनाएँ भी सामने आईं। मौनी अमावस्या के दिन हुई त्रासदी – 29 जनवरी की सुबह महाकुंभ में भगदड़ मचने से दर्जनों श्रद्धालुओं की मौत हो गई। त्रिवेणी संगम घाट पर हजारों भक्त पवित्र स्नान के लिए उमड़े थे, तभी एक बैरिकेड के टूटने से अफरा-तफरी मच गई, जिसके चलते कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए।

शुरुआत में उत्तर प्रदेश सरकार ने हादसे में हुए हताहतों को लेकर चुप्पी साध रखी थी, लेकिन बाद में उसने आधिकारिक आंकड़े जारी किए।

विपक्षी दलों ने इस त्रासदी को लेकर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने “कुप्रबंधन” और “वीआईपी संस्कृति” को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया। कई रिपोर्टों में दावा किया गया कि उसी दिन महाकुंभ मेले में एक और भगदड़ की घटना हुई थी।

इसके अलावा, गंगा के जल की गुणवत्ता पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट भी सुर्खियों में रही। रिपोर्ट के अनुसार, गंगा का पानी स्नान योग्य गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरा

CPCB ने कहा, “महाकुंभ 2025 मेले के दौरान प्रयागराज में बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा में स्नान कर रहे हैं, खासकर शुभ स्नान पर्वों पर, जिससे नदी के पानी में फीकल कोलीफॉर्म (मल जीवाणु) की सांद्रता बढ़ गई है।”

पिछले सप्ताह, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) और उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई। इसका कारण यह था कि वे प्रयागराज में गंगा नदी के जल में फीकल कोलीफॉर्म (मल जीवाणु) और अन्य जल गुणवत्ता मानकों के बारे में पर्याप्त जानकारी देने में विफल रहे। NGT ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह महाकुंभ 2025 मेले के दौरान गंगा के विभिन्न बिंदुओं से लिए गए जल गुणवत्ता विश्लेषण की नवीनतम रिपोर्ट प्रस्तुत करे।

हालांकि, UPPCB ने CPCB (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) की रिपोर्ट को खारिज कर दिया और दावा किया कि संगम का जल स्नान के लिए पूरी तरह उपयुक्त है।

महाकुंभ 2025 और ट्रैफिक जाम की समस्या:

महाकुंभ 2025 मेले के कारण भारी भीड़ और ट्रैफिक जाम भी देखने को मिला। रिपोर्ट्स के अनुसार, हजारों श्रद्धालु घंटों तक हाईवे पर फंसे रहे, क्योंकि प्रयागराज की ओर जाने वाले मार्गों पर सैकड़ों किलोमीटर लंबे जाम लगे।

महाकुंभ 2025 पर राजनीतिक बयानबाज़ी:

महाकुंभ 2025 पर राजनीतिक बयानबाज़ी
R.भारत

महाकुंभ 2025 में भगदड़ की घटना को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विवादित बयान दिया। उन्होंने महाकुंभ 2025 को “मृत्यु कुंभ” कहकर संबोधित किया और कहा,

“यह मृत्यु कुंभ है… मैं महाकुंभ का सम्मान करती हूँ, मैं पवित्र गंगा माँ का सम्मान करती हूँ। लेकिन यहाँ कोई योजना नहीं बनाई गई… अब तक कितने लोगों को बचाया गया है?”

उनके इस बयान की कड़ी आलोचना हुई।

वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के लिए प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले को ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने कुंभ को “फालतू” (अर्थहीन) बताते हुए इसकी आलोचना की, जिससे उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।

फर्जी बाबाओं की सक्रियता:

हर बार की तरह इस बार भी कई स्वयंभू बाबा चर्चा में आए, जिन पर आश्चर्यजनक चमत्कार दिखाने और अनुयायियों को गुमराह करने के आरोप लगे।

महंगाई और अव्यवस्था:

श्रद्धालुओं ने भोजन, आवास और परिवहन की अधिक कीमतों की शिकायत की। होटलों और धर्मशालाओं ने जरूरत से ज्यादा शुल्क वसूला, जिससे आम लोगों को कठिनाइयाँ हुईं।

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सोशल मीडिया पर छाए वायरल बाबा:

इस महाकुंभ 2025 में कुछ संत और साधु सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहे। आइए जानते हैं उन वायरल बाबाओं के बारे में –

🔹 आईआईटी बाबा (Abhey Singh) – ये बाबा पहले IIT बॉम्बे में एयरोस्पेस इंजीनियर थे। उन्होंने नौकरी छोड़कर संन्यास ले लिया और अब विज्ञान और अध्यात्म को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।

🔹 ‘अनाज वाले बाबा’ (Amarjeet Baba) – ये बाबा अपने शरीर पर अनाज उगाने के लिए प्रसिद्ध हुए। उनका कहना है कि वे प्राकृतिक जीवनशैली और जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहते हैं।

🔹 ‘मसल बाबा’ (Atma Prem Giri Maharaj) – यह बाबा रूस से आए 7 फीट लंबे साधु हैं, जो अपने बॉडीबिल्डिंग लुक और आध्यात्मिक संदेशों के कारण वायरल हो गए।

🔹 ‘मोनालिसा बाबा’ (Monalisa Bhosle) – यह बाबा नहीं, बल्कि इंदौर की एक माला बेचने वाली महिला हैं, जो अपनी आकर्षक आँखों और मुस्कान के कारण इंटरनेट सेंसेशन बन गईं।

उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, महाकुंभ 2025 मेले के दौरान 7,000 से अधिक महिलाओं ने विभिन्न अखाड़ों में संन्यास की दीक्षा ली। इन महिलाओं ने सभी प्रमुख अखाड़ों में गुरु दीक्षा लेकर सनातन धर्म की रक्षा का संकल्प लिया।

महाकुंभ 2025 की हाइलाइट्स:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने महाकुंभ के दौरान संगम में पवित्र स्नान किया।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, समाजवादी पार्टी (एसपी) प्रमुख अखिलेश यादव और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार विपक्ष के उन नेताओं में शामिल रहे, जिन्होंने महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगाई।रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, उनकी मां कोकिलाबेन और बेटे अनंत एवं आकाश ने भी महाकुंभ मेले में भाग लिया।

अन्य व्यापारिक जगत की हस्तियों में अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और लोरेन पॉवेल जॉब्स, जो परोपकारी एवं एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की विधवा हैं, भी इस धार्मिक आयोजन में शामिल हुए। अक्षय कुमार, कोल्डप्ले के गायक क्रिस मार्टिन और उनकी साथी, अभिनेत्री डकोटा जॉनसन, गुरु रंधावा, कैटरीना कैफ, विक्की कौशल, अनुपम खेर, शंकर महादेवन और रेमो डिसूजा जैसी मशहूर हस्तियों ने भी इस भव्य धार्मिक आयोजन में भाग लिया।

भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक सहित 73 देशों के राजनयिकों ने प्रयागराज में गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी के संगम त्रिवेणी में पवित्र स्नान किया।

अर्थव्यवस्था ग्रोथ:

महाकुंभ 2025 मेला उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा बढ़ावा साबित हुआ है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले सप्ताह कहा था कि यह धार्मिक आयोजन राज्य की अर्थव्यवस्था को 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभ पहुंचाएगा।

योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के बजट सत्र के प्रश्नकाल के दौरान कहा, “आज दुनिया उत्तर प्रदेश की जिस क्षमता को देख रही है, उसे महाकुंभ 2025 मेले से जोड़ा जा सकता है। अकेले महाकुंभ 2025 उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का योगदान देगा।”

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